देश के आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित किया:

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कल राष्ट्र को संबोधित किया।
क्या कहा ? पढ़े प्रमुख अंश: भारत सरकार 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिकों को निःशुल्क टीका उपलब्ध कराएगी:
राज्यों के जिम्मे जो 25 प्रतिशत टीकाकरण था, उसे अब भारत सरकार द्वारा किया जाएगा: प्रधानमंत्री
भारत सरकार टीके के उत्पादकों के कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत खरीदेगी और राज्यों को मुफ्त मुहैया कराएगी: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीपावली तक बढ़ाया गया: प्रधानमंत्री
नवंबर तक,80 करोड़ लोगों को हर महीने मुफ्त अनाज मिलता रहेगा: प्रधानमंत्री
कोरोना, पिछले सौ सालों में सबसे बड़ी आपदा: प्रधानमंत्री
आने वाले दिनों में टीकों की आपूर्ति बढ़ेगी: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने नए टीकों के विकास से जुड़ी प्रगति की जानकारी दी
बच्चों के लिए टीके और नाक के जरिए दिए जाने वाले टीके का परीक्षण चल रहा है: प्रधानमंत्री
टीकाकरण को लेकर आशंका पैदा करने वाले तत्व लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं: प्रधानमंत्री ने इस महामारी में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया। इस महामारी को पिछले सौ वर्षों में सबसे बड़ी आपदा बताते हुए, उन्होंने इसे एक ऐसी महामारी के रूप में चिन्हित किया जिसे आधुनिक दुनिया में न तो देखा गया और न ही अनुभव किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने इस महामारी से कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ी। श्री मोदी ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
एक अन्य बड़ी घोषणा के तहत, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीपावली तक बढ़ाने के निर्णय से अवगत कराया। यानी नवंबर तक, 80 करोड़ लोगों को हर महीने निर्धारित मात्रा में मुफ्त अनाज मिलता रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महामारी के दौरान सरकार गरीबों के साथ उनकी सभी जरूरतों के लिए उनके दोस्त के रूप में खड़ी है।
प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान के बारे में विभिन्न हलकों की ओर से आने वाले अलग-अलग विचारों पर प्रकाश डाला। ज्योंहि कोरोना के मामले घटने लगे, राज्यों के लिए विकल्प की कमी को लेकर सवाल उठने लगे और कुछ लोगों ने सवाल किया कि केन्द्र सरकार सब कुछ क्यों तय कर रही है। लॉकडाउन में लचीलापन और सभी पर एक ही तरह की बात लागू नहीं होती के तर्क को आगे बढ़ाया गया। श्री मोदी ने कहा कि 16 जनवरी से अप्रैल के अंत तक भारत का टीकाकरण कार्यक्रम ज्यादातर केन्द्र सरकार के अधीन चलाया गया। सभी के लिए नि:शुल्क टीकाकरण का काम आगे बढ़ रहा था और लोग अपनी बारी आने पर टीकाकरण कराने में अनुशासन दिखा रहे थे। इन सबके बीच टीकाकरण के विकेंद्रीकरण की मांग उठाई गई और कुछ आयु वर्ग के लोगों को प्राथमिकता देने के निर्णय की बात उठाई गई। कई तरह के दबाव डाले गए और मीडिया के कुछ हिस्से ने इसे अभियान के रूप में चलाया।
प्रधानमंत्री ने टीकाकरण के खिलाफ अफवाह फैलाने वालों के बारे में आगाह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे तत्व लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं और इनके खिलाफ सतर्क रहने की जरूरत है।