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पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के दिगज  नेता यशवंत सिन्हा आज तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए:

श्रोत: ग्रामीण टुडे न्यूज़, 24X7 वेब पोर्टल

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के दिगज  नेता यशवंत सिन्हा आज कोलकाता पहुंचकर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए हैं. उन्होंने टीएमसी ममता बनर्जी की पार्टी का हाथ थाम लिया.

तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल होने के बाद बीजेपी की आलोचना करते हुए यशवंत सिन्हा ने मीडिया से कहा, ‘प्रजातंत्र की ताकत प्रजातंत्र की संस्थाएं होती हैं. आज लगभग हर संस्था कमजोर हो गई है, उसमें देश की न्यायपालिका भी शामिल है. हमारे देश के लिए ये सबसे बड़ा खतरा पैदा हो गया है. अटल जी के समय में बीजेपी सर्वसम्मति पर विश्वास करती थी लेकिन आज की सरकार कुचलने और जीतने में विश्वास करती है. अकादी दल, बीजेडी, शिवसेना पहले ही बीजेपी का साथ छोड़ चुकी है. आज बीजेपी के साथ कौन खड़ा है?’ सिन्हा ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस बहुत बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी. बंगाल से पूरे देश में एक संदेश जाना चाहिए कि जो कुछ मोदी और शाह दिल्ली से चला रहे हैं, अब देश उसको बर्दाश्त नहीं करेगा.’

नेता यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं.  साल 2014 से 2019 के बीच उनके बेटे जयंत सिन्हा वित्त राज्यमंत्री थे.

यशवंत सिन्हा 1 जुलाई 2002 तक वित्त मंत्री बने रहे, तत्पश्चात विदेश मंत्री जसवंत सिंह के साथ उनके पद की अदला-बदली कर दी गयी। अपने कार्यकाल के दौरान सिन्हा को अपनी सरकार की कुछ प्रमुख नीतिगत पहलों को वापस लेने के लिए बाध्य होना पड़ा था जिसके लिए उनकी काफी आलोचना भी की गयी फिर भी, सिन्हा को व्यापक रूप से कई प्रमुख सुधारों को आगे बढ़ाने का श्रेय दिया जाता है जिनके फलस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था दृढ़तापूर्वक विकास पथ पर अग्रसर हुई है। इनमें शामिल हैं वास्तविक ब्याज दरों में कमी, ऋण भुगतान पर कर में छूट, दूरसंचार क्षेत्र को स्वतंत्र करना, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लिए धन मुहैया करवाने में मदद और पेट्रोलियम उद्योग को नियंत्रण मुक्त करना। सिन्हा ऐसे प्रथम वित्त मंत्री के रूप में भी जाने जाते हैं जिसने भारतीय बजट को स्थानीय समयानुसार शाम 5 बजे प्रस्तुत करने की 53 वर्ष पुरानी परंपरा को तोड़ा; यह प्रथा ब्रिटिश राज के ज़माने से चली आ रही थी जिसमे भारतीय बजट को भारतीय संसद की सुविधा की बजाय ब्रिटिश संसद (1130 एएम, जीएमटी) की सुविधानुसार पेश करने की कोशिश की जाती थी।

यशवंत सिन्हा पढ़ने, बागवानी और लोगों से मिलने तथा अन्य अनेक क्षेत्रों में दिलचस्पी रखते हैं। वे व्यापक रूप से देश-दुनिया में घूमे हुए हैं कई राजनीतिक और सामाजिक प्रतिनिधिमंडलों की अगुवाई कर चुके हैं। उन्होंने देश की ओर से कई वार्ताओं एवं आदान-प्रदान में एक अग्रणी भूमिका निभाई थी.

यशवंत काफी दिनों से बीजेपी से नाराज चल रहे थे और कई मौकों पर बीजेपी की आलोचना कर चुके हैं.

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